नरक में इंसान को मिलने वाली 5 मुख्य सजायें !

यह हमारे माता-पिता या स्कूल में वर्षों से कहा जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा का उसके द्वारा किय गए पाप व् पुण्य का हिसाब होता हैं। जब आत्मा शरीर से निकलती है, तो उसमे दर्द सेहन करने के ताकत बची होती हे । अगर कोई आत्मा नरक में जाती है, तो उसे दंडित किया जाता है।

तो चलो पढ़ लें कि गरुनापुराण में लिखी आत्मा को नरक में मिलने वाली 5 मुख्य सजायें।

नरक में इंसान को मिलने वाली 5 मुख्य सजायें !
1.  तमिस्रा नरक:-

अगर कोई किसी को धन संबंधित दुख देता है या किसी के कड़ी मेहनत का पैसा भुगतान नहीं करता है या किसी के बच्चे का अपहरण करता है, तो उस व्यक्ति के लिए गरुणपुराण तमिस्रा नरक की सजा लिखी गई है। इस तरह की सजा में व्यक्ति को नीचे लेटाकर उसके ऊपर से घोड़े गाड़ी को गुजारा जाता है और इस गाड़ी के पीछे मशीन लगी होती है जो आत्मा को तार-तार कर देती है। लोग इस समय के दर्द का अनुमान नहीं लगा सकते हैं।

2.  कुम्भीपाक नरक:-

जीवआत्मा जो पृथ्वी पर अन्य जानवरों को खाती है, या वह पुरुष और महिलाएं जो पेट में अपने बच्चों को मार देते हैं और मरवा देते हैं, ऐसे लोगों को गर्म तेल में घंटों भर रखा जाता हे । 

3.  तप्ससुर्मी नरक:-

जो लोग पृथ्वी पर दूसरों की पत्नी से सम्भोग करते हे या अवैध नाजायज  संबंधों का लाभ उठाते हैं, ऐसी आत्माओं को पहली बार चाबुक से पीटा जाता है और गर्म खभों से बांधकर कई दिनों तक रखा जाता है. 

4.  सूचीमुख नरक:-

वह व्यक्ति जो हमेशा दूसरों से जलता रहता है या लोगों की बुराई कर रहा है, ऐसे लोगों को सुई में भेजता है जैसे कि हम कपड़े पहनते हैं। आंख से पैर तक, हर जगह सुई से चुबा दिया जाता हे पुरे शरीर में । यह कई जगहों पर भी लिखा गया है कि आत्मा के गुदा के माध्यम से, मुंह से एक कांटाबश हटा दिया जाता है और मनुष्य को दूसरों की बुराई के लिए दंडित किया जाता है। 

5. अंधकूप नरक:-

जो लोग दूसरों को जान कर दुःख देते हैं या हमेशा सताते रहते हैं या कोई व्यक्ति इनकी वजह से भूखा रह जाता है तो उस व्यक्ति की आत्मा जानवर काटकर खाते है और साथ ही इनके शरीर का एक-एक बूंद खून ये जानवर पी जाते हैं।

नरक की ये सभी सजावट गरुनापुराण में लिखी जाती हैं और जब एक आत्मा इस सजा को स्वीकार करती है, तो यह आगे की यात्रा के लिए आगे बढ़ती है। शायद यही कारण है कि यह शास्त्रों में लिखा गया है कि मृत्यु के बाद, हमारे सभी कार्यों के लिए हमे जिम्मेदार माना जाता है।

हमारे कार्यों के अनुसार, हमें नरक या स्वर्ग की तरह चीजें मिलती हैं इसलिए मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करना चाहिए।


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